Sunday 10 February 2019

Sea

समुद्र क जन्म : जब पृथ्वी का जन्म हुआ तो वह आग का एक गोला थी। जब पृथ्वी धीरे-धीरे ठंडी होने लगी वे उसके चारों तरफ गैस के बादल फैल गए। ठंडे होने पर ये बादल काफी भारी हो गए और उनसे लगातार मूसलाधार वर्षा होने लगी। लाखों साल तक ऐसा होता रहा। पानी से भरे धरती की सतह के ये विशाल गङ्ढे ही बाद में समुद्र कहलाए है
पृथ्वी की 70.92 प्रतिशत सतह समुद्र से ढंकी है। इसका आशय यह हुआ कि पृथ्वी के लगभग 36,17,40,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में समुद्र है। विश्व का सबसे विशाल महासागर प्रशांत महासागर है जिसका क्षेत्रफल लगभग 16,62,40,000 वर्ग किलोमीटर है। यह विश्व के सभी महासागरों का 45.8 प्रतिशत है। प्रशांत महासागर के भीतर जल जंतुओं की एक रहस्यमयी दुनिया है जिस पर अभी भी खोज जारी है। शांत महासागर विश्व का सबसे गहरा सागर है। इसकी औसत गहराई 3939 मीटर है। महासागर को छोड़कर यदि हम सागर की बात करें तो विश्व का सबसे विशाल सागर दक्षिण चीन सागर है जिसका क्षेत्रफल 2974600 वर्ग किलोमीटर है।

समुद्र की गहराई : सभी सागरों की गहराई अलग-अलग मानी गई है। हालांकि महासागरों की गहराई का रहस्य अभी भी बरकरार है। समुद्र की गहराई बेहद ठंडी, अंधेरी होती है और कभी-कभी तो ज्यादा दबाव के कारण यहां ऑक्सीजन भी काफी कम हो जाती है।
धरती पर जितना दबाव महसूस होता है, समुद्र की गहराइयों में यह 1,000 गुना ज्यादा होता है। इतना ज्यादा दबाव कि बायोकैमेस्ट्री भी यहां फेल हो जाए। इस दबाव की सचाई यह है कि समुद्र की तलहटी में रहने की 1 प्रतिशत से भी कम जगहों का अभी तक पता चला है, जहां जीव और जंतु रहते हैं।
समुद्री यात्रा : समुद्री यात्रा के संस्मरण पर हजारों किताबें लिखी गई हैं। समुद्री लुटेरे, सिंदबाद जहाजी और समुद्र के सम्राट नाम से कई किताबें लिखी गई हैं। समुद्री यात्रा के रोचक और रोमांचक संस्मरणों को पढ़कर हर कोई आश्चर्य करेगा कि आखिर समुद्र की दुनिया एक अलग ही दुनिया है जिसका धरती की दुनिया से कोई मेल नहीं। हाल ही में एक फिल्म आई थी 'लाइफ ऑफ पाई'। निश्चित ही यह सच्ची घटना पर आधारित फिल्म न हो लेकिन ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने समुद्र में कई दिन जिंदगी और मौत के बीच गुजारे हैं।
रोमांचक समुद्री यात्राओं के बारे में जहाजों के कप्तानों ने अपनी डायरियों में अपने दुर्लभ और रोमांचक अनुभवों को दर्ज किया है। वास्को डि गामा, कोलंबस के नाम तो समुद्री यात्रा के लिए प्रसिद्ध हैं ही, कई बार तो लोगों ने ऐसे ऐसे जीव देखे हैं जिसके बारे में सुनकर आश्चर्य होता है कि आखिर यह चीज क्या है? यह कोई जीवधारी है या निर्जीव वस्तु? कई बार जहाज निकला कहीं और के लिए और पहुंच गया किसी अनजान द्वीप पर। कई जहाज तो आज तक वापस लौटकर नहीं आए।

भारतीय उपमहाद्वीप को घेरे हुए नीले पानी में यात्रा करना स्‍मरणीय अनुभव होता है। भारत में समुद्री यात्रा का उपयोग मौर्य और मध्यकाल में अधिक था। अधिकांशत: अरब सागर का उपयोग लक्षद्वीप पहुंचने और बंगाल की खाड़ी का उपयोग अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पहुंचने में किया जाता है। ये दोनों द्वीप समूह भारतीय उपमहाद्वीप के हिस्से हैं
समुद्र की आवाज : प्रत्येक समुद्र की आवाज ‍भिन्न है। प्रशांत महासागर को अपेक्षाकृत शांत माना जाता है तो हिन्द महासागर को अशांत। कहीं-कहीं समुद्र की चिंघाड़ती हुई आवाज होती है, तो कहीं पर किसी वाद्य यंत्र के बजने जैसी। कहीं पर सांय-सांय, तो कहीं पर हवा का इतना जोर होता है कि हू-हू जैसी आवाज उत्पन्न होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार हर समुद्र की आवाज के पीछे कुछ कारण होता है। यह आवाज समुद्र की पहचान होती है।समुद्र की आवाज : प्रत्येक समुद्र की आवाज भिन्न है। प्रशांत महासागर को अपेक्षाकृत शांत माना जाता है तो हिन्द महासागर को अशांत। कहीं-कहीं समुद्र की चिंघाड़ती हुई आवाज होती है, तो कहीं पर किसी वाद्य यंत्र के बजने जैसी। कहीं पर सांय-सांय, तो कहीं पर हवा का इतना जोर होता है कि हू-हू जैसी आवाज उत्पन्न होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार हर समुद्र की आवाज के पीछे कुछ कारण होता है। यह आवाज समुद्र की पहचान होती है